शुक्रवार, 27 मार्च 2009

मैं यहाँ से जा रहा हूँ

मैं यहाँ से जा रहा हूँ
बिना कुछ लिए
अपने पूरे वजूद के साथ जाना चाहता हूँ
लेकिन बहुत कुछ छूट जाता है यहाँ
और मैं जाते हुए भी
नहीं जा पा रहा हूँ पूरी तरह से

मेरे साथ नहीं जाएँगी वे
बहुत सी चीजें
जो जुड़ी रही मुझसे
ताउम्र आती रही मेरे काम
घिसती रही मेरे साथ-साथ
कुछ इच्छा से
कुछ अनिच्छा से

मेरा जाना स्थगित नहीं है
लौटना जरूर संदेहास्पद है
मेरा सबकुछ मुझसे रहा यहीं
पड़ा रह जाएगा
कुछ दूसरों के काम आएगा
कुछ टूट जाएगा
पड़ा रहेगा कबाड़ में
कुछ जला दिया जाएगा
और धुएं में फैल जाएगा

साँस लेकर छोड़ी गई हवा
पेड़ों में जीवित रहेगी
इस तरह बचा रहेगा मेरा होना
यहाँ इस पृथ्वी पर ।

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